गोपू भैया
घड़ी पहनकर गोपू भइया, ले बस्ता स्कूल गए , मिला राह में एक मदारी, गोपू जी सब भूल गए । ।
गोपू जी रुक गए घड़ी ने, तब बतलाई बात , रुको नहीं चल पड़ो कि जैसे मैं चलती दिन रात । ।
घड़ी
टिक–टिक–टिक–टिक चलती है, घड़ी कभी न रुकती है ।
हमको है यह पाठ सिखाती, कितनी अच्छी बात बताती । ।
काम समय से करना सीखो, हरदम आगे बढ़ना सीखो । ।
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