Monday, January 28, 2019

वेदों में सम्पूर्ण स्वास्थ्य तथा एकेश्वरवाद- पुस्तक मंगाने हेतु संपर्क - मोबाइल.- 9654135918 e-mail : chilbil.shubh@gmail.com

वेद वैदिक संस्कृत में लिखे गए हैं। अतः सबके लिए सुपाठ्य नहीं हैं। वेदों में अनेक विषय वर्णित हैं। उनमें से इस पुस्तक में दो ही विषय लिए गए हैं. सम्पूर्ण स्वास्थ्य और एकेश्वरवाद। यह पुस्तक सबके लिए सुपाठ्य हो, इसलिए सरल भाषा में संक्षिप्त रूप में लिखी गई है।
ईश्वर एक है, वह सर्वव्यापक, सर्वदर्शी, पूर्ण, सनातन, सर्वनियन्ता, सभी का पालक, जगत का धारक, सर्वसुखप्रदाता, अजन्मा व अनेक नामों वाला है। उसको किसी भी रूप में भजा जा सकता है। वह सर्वथा अपार, सम्पूर्ण दिशाओं में व्याप्त है। आवश्यकता है उसके प्रति पूर्ण समर्पण की।
स्वास्थ्य में शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य सभी कुछ आ जाता है। शारीरिक स्वास्थ्य के लिए मूलरूप से प्रकृति के नियमों का पालन करना आवश्यक है। जैसे सूर्योदय के पूर्व जागरण, सूर्य-दर्शन व शुद्ध वायु का सेवन आदि।
मन को स्वस्थ रखने के लिए मन की स्थिरता व सबलता आवश्यक है। हर परिस्थिति में हम प्रसन्न रहें, शान्त रहें व सत्संगति हो। आलस्य का त्याग करके पुरुषार्थ करें व सत्य का पालन करें। परमात्मा पर पूर्ण श्रद्धा व विश्वास हो। 
वेदों के ज्ञान के सहज प्रस्तुतीकरण का लघु प्रयास है।

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