Saturday, January 5, 2019

खेल का महत्त्व

चीकू और मीकू दो मित्र थे। चीकू खेल, पढ़ाई तथा हर काम में आगे रहता था। मीकू दिन भर तथा रात में भी देर तक पढ़ता रहता था, किन्तु फिर भी पढ़ाई में पीछे रहता था। एक दिन उनकी अध्यापिका ने बच्चों से पूछा–‘तुम लोग विद्यालय से जाने के बाद क्या करते हो ?’
चीकू बोला–‘कपड़े बदलकर खाना खाते हैं। थोड़ी देर आराम करते हैं फिर खेलने जाते हैं, लौटकर थोड़ी देर पढ़ते हैं। सुबह उठने के बाद भी थोड़ी देर पढ़ते हैं।’
इसी प्रकार अन्य बच्चों ने भी अपने विषय में बताया।
मीकू गुमसुम–सा बैठा हुआ था। अध्यापिका ने प्यार से पूछा–‘मीकू बेटे! तुम घर जाने के बाद क्या करते हो?’
मीकू ने कहा–‘ कपड़े बदलकर खाना खाते हैं। फिर रात को देर तक पढ़ते रहते हैं। सुबह उठने के बाद भी पढ़ते हैं।’’
अध्यापिका ने कहा–‘खेलते नहीं हो।’
मीकू–‘नहीं’

अध्यापिका–‘यह तो ठीक नहीं है, जितना जरूरी पढ़ना है, उतना ही खेलना भी। पढ़ाई के समय पढ़ाई व खेल के समय खेलना चाहिए। शाम को हर बच्चे को थोड़ी देर जरूर खेलना चाहिए। इससे शरीर स्वस्थ रहता है, मन प्रसन्न रहता है। जब हम स्वस्थ व प्रसन्न रहेंगे तो, हमारा मन पढ़ाई में भी लगेगा।’
मीकू बोला–‘अब मैं भी रोज खेला करूँगा।’ इस प्रकार मीकू भी खेलने लगा। साथ ही पढ़ाई भी करता था। अब वह खुश रहता था व पढ़ाई में भी अच्छा हो गया था ।
स्वस्थ रहने के लिए खेल भी आवश्यक है।


No comments:

Post a Comment