Saturday, January 5, 2019

पतलू की मुसीबत

पतलू एक दुबला–पतला, सीधा–सादा लड़का था। एक दिन उसकी छोटी बहन ने एक कप तोड़ दिया। माँ ने सोचा कि पतलू ने ऐसा किया है। उसने गुस्से में पतलू की पिटाई कर दी।
पतलू रोने लगा। वह स्कूल आया। वहाँ पर सोचता रहा कि माँ ने बिना जाने ही मेरी पिटाई कर दी। गुड़िया ने कप तोड़ा था। वह तो बोल नहीं पाती है, लेकिन माँ को मेरी बात तो सुननी चाहिए थी। पतलू का ध्यान कक्षा में नहीं था।
इतने में टीचर ने पूछा–‘अभी मैंने क्या बताया है?
पतलू चुपचाप खड़ा हो गया, क्योंकि उसे नहीं मालूम था कि क्या पढ़ाया जा रहा है। अत: टीचर ने भी उसे सजा दी।
टीचर के सजा देने के कारण उसका मन उदास था। अत: वह घर में भी उदास बना रहा।
शाम को माँ ने पतलू को उदास देखकर सारी बातें पूछीं, फिर प्यार से समझाया कि तुम घर की बात स्कूल में ले गये, स्कूल

की बात घर में लाये । इसीलिए परेशान हो। मन को दु:ख पहुँचाने वाली घर की बात घर में छोड़ दिया करो, स्कूल की स्कूल में।
हर परिस्थिति में प्रसन्न रहो।
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