Thursday, August 16, 2018

कुत्ता एसोसिएशन का जुलूस


कुत्ता एसोसिएशन का जुलूस
   कुत्ता एसोसिएशन का जुलूस जा रहा था। उनके हाथ से बँधा हुआ एक बैनर था। बैनर पर लिखा था-‘ मनुष्य गाली देते वक्त दूसरे मनुष्य कोकुत्ता कहते हैं हम स्वामिभक्त हैं, मनुष्य से हमारी तुलना करके हमारा अपमान करो।
   इस बैनर को जो भी पढ़ता। उसके मन में एक प्रश्नचिन्ह उभरता था। बात तो सही है, कुत्ते जिसका खाते हैं, उसके प्रति स्वामिभक्त रहते हैं। कुत्ता शब्द को गाली के रूप में प्रयोग करना गलत ही नहीं, बहुत निंदनीय है।
   कुछ बच्चे कुत्तों की भूमिका निभा रहे थे। वह चार पैरों से चल रहे थे। कुत्ता बने थे। उन्हीं कुत्ता बने हुए बच्चों के हाथों से बँधा हुआ यह बैनर था। वह लय के साथ इसे गा रहे थे।
   वस्तुतः आदर्श के घर में चोर घुस आए थे। उनके पालतू कुत्ते ने अपनी जान पर खेलकर चोरों से रक्षा की। तभी आदर्श ने अपने घरवालों तथा अन्य बच्चों के साथ मिलकर यह योजना बनाई।
   बच्चा बने कुत्तों से कोई पूछता तो वह कहते। हम जनचेतना द्वारा स्वामिभक्त कुत्तों को सम्मान दिलाना चाहते हैं।
   कुत्ता शब्द गाली के रूप में प्रयोग करके सम्मान के साथ प्रयोग करना चाहिए।
   बीच-बीच में कहते- ‘बोलो कुत्ता एसोसिएशन की जय। मनुष्यों को भी कुत्तों से प्रेरणा लेकर स्वामिभक्त, देशभक्त होना चाहिए।

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