तुमने ही तो कहा था;ड्राईफ्रूट खाओ
‘माँ! तुमने
ही तो कहा था, ड्राईफ्रूट भी खाया करो।’ अनिल
बड़ी मासूमियत से बोला।
माँ उसके
कान खींचते हुए प्यार से बोलीं-
‘अच्छा शरारती बच्चे!
मैं तेरी हर हरकत जानती हूँ।’
‘क्या हुआ माँ! मैंने क्या
गलती की है।’ मासूम चेहरा
बना कर डरने
का नाटक करता
हुआ वह बोला।
‘मैंने तुझसे
कहा था कि ताजे फल सुखा
कर खाया करो?’
माँ ने कहा।
‘नहीं प्यारी माँ! कहा था ड्राईफ्रूट भी खाया
करो। ड्राईफ्रूट थोड़ी मात्रा में खाना
सेहत के लिए अच्छा है।’लाड़ दिखाते हुए अनिल ने कहा।
माँ मुस्कराते हुए बोलीं- ‘अच्छा
शरारती बच्चे! तुम स्कूल फल खाने
के लिए ले गए थे। बस्ते
में पड़े-पड़े वह फल सूख गए तो पकड़े
जाने पर कह रहे हो कि मैंने ड्राईफ्रूट खाने के लिए कहा था।’
‘माँ....’ प्यारा-सा मुँह बनाते
हुए अनिल ने कहा-बोला और माँ से लिपट
गया।
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