
आरोग्य की कुंजी पृष्ठ 18
गाँधी जी ने आगे कहा है,‘जो राय मैंने चाय और कॉफी के बारे में दी है, वही कोको के बारे में भी है । जिसकी पाचन–क्रिया नियमित है, उसे चाय–कॉफी और कोको की मदद की आवश्यकता नहीं रहती । अपने लंबे अनुभव से मैं यह कह सकता हूँ कि तन्दुरुस्त मनुष्य को सामान्य खुराक से पूरा संतोष मिल जाता है । मैंने उपर्युक्त तीनों का खूब सेवन किया है । जब मैं ये चीजें लेता था तब शरीर मेंकुछ न कुछ बिगाड़ रहा ही करता था । इन चीजों़ के त्याग से मैंने कुछ भी खोया नहीं है, उल्टा बहुत पाया है । जो स्वाद मुझे चाय इत्यादि में मिलता था, उससे कहीं अधिक स्वाद अब मैं उबली हुई सामान्य भाजियों के रस में पाता हूँ ।’
आरोग्य की कुंजी पृष्ठ 19
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