सर्वत्र प्रकाश है, शुभ है ।
उसी लक्ष्य की ओर देखो, अज्ञान समाप्त हो जाएगा ।
ज्ञान का प्रकाश, सर्वत्र फैल जाएगा ।
अज्ञान में कामना, दु:ख, चिन्तन, परचिन्तन आदि है ।
ज्ञान में आत्मचिन्तन है, प्रकाश है, आनन्द है, विद्या है ।
स्वाध्याय में आनन्द है, ज्ञान है ।
अहंकार नहीं, सर्वत्र आनन्द है ।
उस प्रकाश की ओर देखो–
अज्ञान दूर हो कर एकाग्रता बढ़ेगी ।
अज्ञान दूर होगा, तो शांति भी मिलेगी ।
बस उसी शांति की याचना है ।
उसी लक्ष्य की ओर देखो, अज्ञान समाप्त हो जाएगा ।
ज्ञान का प्रकाश, सर्वत्र फैल जाएगा ।
अज्ञान में कामना, दु:ख, चिन्तन, परचिन्तन आदि है ।
ज्ञान में आत्मचिन्तन है, प्रकाश है, आनन्द है, विद्या है ।
स्वाध्याय में आनन्द है, ज्ञान है ।
अहंकार नहीं, सर्वत्र आनन्द है ।
उस प्रकाश की ओर देखो–
अज्ञान दूर हो कर एकाग्रता बढ़ेगी ।
अज्ञान दूर होगा, तो शांति भी मिलेगी ।
बस उसी शांति की याचना है ।
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