पात्र-परिचय
करण : बारह वर्षीय
लड़का व प्रमुख
पात्र
करण की
माँ : लगभग पैंतीस-चालीस
वर्षीया महिला
पुजारी जी : आयु लगभग
पचास वर्ष
प्रबंधक जी : आयु लगभग
साठ वर्ष
मंदिर आने
वाले अन्य स्त्री-पुरुष व बच्चे।
वेशभूषा
पात्र-अभिनय
के अनुकूल वेशभूषा
(पर्दा खुलता है)
(प्रथम दृश्य)
(मंच के प्रवेश
द्वार पर गणेश मन्दिर का बैनर लगा है। नेपथ्य
से घंटा ध्वनि
व आरती
की आवाजें आ
रही हैं। मंच
पर एक नल लगा है वह टपक रहा है।
मंच पर लगभग बारह वर्षीय लड़का
अपनी माँ के
साथ नल के पास खड़ा है।
कुछ अन्य लोग
भी हैं,
वह मन्दिर के
अन्दर जा रहे हैं या आ रहे हैं।)
करण : (नल बन्द करने का प्रयास
करता है।)
माँ! यह
नल
तो बन्द नहीं
हो रहा है।
माँ : बेटा करण! इसका वासर खराब
हो गया है।
इसलिए नल टपक रहा है। इसका
वासर बदलवाना
पड़ेगा।(पुजारी
जी का मंच पर प्रवेश)
माँ : अरे,
पुजारी जी आ गए। (हाथ
जोड़कर) पुजारी
जी! प्रणाम।
पुजारी जी : (हाथ ऊपर
उठा कर)
आशीर्वाद!
करण : (हाथ जोड़कर) प्रणाम, पुजारी
जी!
पुजारी जी : (करण के
सिर पर हाथ रखकर) खुश
रहो बेटा!
सदा सुखी रहो।
करण : पुजारी जी! नल टपक रहा
है, ठीक
करवा दीजिए।
पुजारी जी : (हँसते हुए) अरे बेटा!
पानी ही तो है, टपकने
दो।
करण : पुजारी जी! पानी तो बहुत कीमती होता है।
एक बूँद पानी
भी बहुत कीमती
होता है।
(अन्य आने-जाने वाले लोग
भी वहाँ पर
आकर खड़े हो
गए। प्रबंधक जी
भी आ जाते हैं । )
प्रबंधक जी : क्या
बात हो रही है पंडित जी!
पंडित जी :
प्रबंधक जी!
यह नल थोड़ा टपक रहा है।
यह बच्चा कह
रहा है कि इसे ठीक करवा
दीजिए। पानी बहुत
कीमती होता है।
प्रबंधक जी : (करण के
सिर पर हाथ फेरते हुए)
बड़ा प्यारा बच्चा
है। (करण की माँ से पूछते हुए) आप इसकी माँ हैं?
माँ : (हाथ जोड़कर) जी हाँ!
प्रबंधक जी : आपने
बच्चे को बड़े अच्छे संस्कार दिए
हैं। मैं आज ही नल ठीक करवाता हूँ।
करण : धन्यवाद अंकल! अगर कहीं भी
नल टपकता देखें
तो तुरन्त ठीक
करवा दें। अगर
इसी तरह नल
टपकते रहे तो
धरती का भूजल स्तर नीचे चला
जा सकता है।
तब हमें बूँद-बूँद पानी के
लिए तरसना पड़
सकता है।
पुजारी जी : (गम्भीर मुद्रा
में) ठीक
कहते हो बेटा! अगर पानी न
मिले तो प्राणी
मर भी सकता है। खाने के
बिना तो हम कुछ दिन जीवित
भी रह सकते हैं।अब मैं कथा
में पानी के
महत्त्व का प्रचार-प्रसार करूँगा।
माँ : बहुत अच्छा
पंडित जी!
(करण से)
चलो बेटा मंदिर
चलें!
(सबका मंदिर में
प्रवेश)
(पर्दा गिरता है।)
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