याद करो अपनी गरिमा को,
नया राष्ट्र निर्माण करो ।
आस लगाता देश तुम्ही से,
निज दायित्व निर्वाह करो । ।
जीवन की आशा में बालक,
खड़े हुए अपलक, अविचल से,
दूर निराशा, अन्धकार कर, आशा का विश्वास भरो ।
अन्तर्मन को जागृत कर तुम,
नैतिकता का भाव भरो ।
याद करो–––––
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